आज का पंचांग तिथि, वार, नक्षत्र

क्या आप जानना चाहते हैं कि आज कौन सा समय सबसे शुभ है? दैनिक पंचांग (आज का पंचांग) हर दिन की शुरुआत से पहले आवश्यक ज्योतिषीय जानकारी प्राप्त करने का सबसे प्रामाणिक तरीका है। यह प्राचीन हिंदू कैलेंडर केवल तिथि और वार ही नहीं बताता, बल्कि नक्षत्र, योग और करण जैसे पांच तत्वों की गणना करके हमें शुभ मुहूर्त और चौघड़िया के बारे में सूचित करता है, ताकि आप अपने हर काम के लिए सर्वोत्तम समय चुन सकें।

गुरुवार, नवंबर 13, 2025

आज का पंचांग

तिथि
अष्टमी - 23:00:37 तक
नक्षत्र
आश्लेषा - 18:36:06 तक
करण
बालव - 10:59:43 तक, कौलव - 23:00:37 तक
पक्ष
कृष्ण
योग
शुक्ल - 08:02:01 तक
वार
बुधवार

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ

सूर्योदय
06:40:57
सूर्यास्त
17:29:11
चन्द्र राशि
कर्क - 18:36:06 तक
चन्द्रोदय
नवंबर 13, 2025

को 00:22:00 बजे

"24:22:00
चन्द्रास्त
13:07:59
ऋतु
हेमंत

हिन्दू मास एवं वर्ष

शक सम्वत
1947   विश्वावसु
विक्रम सम्वत
2082
काली सम्वत
5126
प्रविष्टे / गत्ते
27
मास पूर्णिमांत
मार्गशीर्ष
मास अमांत
कार्तिक
दिन काल
10:48:13

अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)

दुष्टमुहूर्त
11:43:27 से 12:26:40 तक
कुलिक
11:43:27 से 12:26:40 तक
कंटक
16:02:45 से 16:45:58 तक
राहु काल
12:05:04 से 13:26:05 तक
कालवेला / अर्द्धयाम
07:24:09 से 08:07:22 तक
यमघण्ट
08:50:35 से 09:33:48 तक
यमगण्ड
08:01:58 से 09:23:00 तक
गुलिक काल
10:44:02 से 12:05:04 तक

शुभ समय (शुभ मुहूर्त)

अभिजीत
कोई नहीं

दिशा शूल

दिशा शूल
उत्तर

चन्द्रबल और ताराबल

ताराबल
अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ
ग्रह राशि रेखांश नक्षत्र पद
सूर्य तुला 25-41-26 विशाखा 2
चंद्र कर्क 23-30-44 आश्लेषा 3
मंगल वृश्चिक 11-12-57 अनुराधा 3
बुध वृश्चिक 12-15-17 अनुराधा 3
गुरू कर्क 00-52-24 पुनर्वसु 4
शुक्र तुला 12-11-21 स्वाती 2
शनि मीन 01-08-56 पूर्वाभाद्रपद 4
राहु कुंभ 20-35-26 पूर्वाभाद्रपद 1
केतु सिंह 20-35-26 पू0फाल्गुनी 3
यूरे वृषभ 05-39-44 कृतिका 3
नेप मीन 05-18-50 उ0भाद्रपद 1
प्लू मकर 07-09-26 उ0षाढा 4

आज का ज्योतिषीय विचार

“कुंडली आत्मा का दर्पण है।”

— महर्षि पराशर

हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले पंचांग देखना एक प्राचीन परंपरा है। यह न सिर्फ एक कैलेंडर है, बल्कि ज्योतिषीय गणनाओं का एक संग्रह है जो हमें समय की प्रकृति और ऊर्जा के बारे में बताता है। पंचांग शब्द पांच अंगों से मिलकर बना है, जो समय के पांच प्रमुख घटकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।


पंचांग के पांच मुख्य अंग

पंचांग में मुख्य रूप से इन पांच घटकों का विस्तृत विवरण होता है:


दैनिक जीवन में पंचांग का महत्व

पंचांग का उपयोग सिर्फ धार्मिक कार्यों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन में भी बहुत उपयोगी है।

आज के डिजिटल युग में, आप आसानी से ऑनलाइन आज का पंचांग देख सकते हैं और अपने दिन की योजना ग्रहों की स्थिति के अनुसार बना सकते हैं।