हनुमान मंत्र वैदिक मंत्र: समस्याओं का समाधान करने के लिए शक्तिशाली उपाय

हनुमान मंत्र वैदिक मंत्र (Vedic Mantra) वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का एक प्रमुख साधन है। यह सिर्फ शब्दों का एक समूह नहीं है, बल्कि ध्वनि और कंपन का एक संयोजन है जो व्यक्ति की आंतरिक ऊर्जा को ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ जोड़ता है। आइए, इस लेख में हम मंत्रों की शक्ति, उनके लाभ और समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न प्रकार के मंत्रों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

हनुमान मंत्र

हनुमान मंत्र - 1

ॐ हं हनुमते नमः

हनुमान मंत्र - 2

हं पवन ननदनाय स्वाहा |

हनुमान मंत्र - 3

हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् |

हनुमान मंत्र - 4

ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा |

हनुमान मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं हनुमते रामदूताय लंकाविध्वंसनाय अंजनी गर्भ संभूताय शाकिनी डाकिनी डाकिनी विध्वंसनाय किलिकिलि बुबुकारेण विभिषणाय हनुमद्देवाय ॐ ह्रीं श्रीं हौं हाँ फट् स्वाहा।।

आत्मोन्नति रूद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे ,महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ।।

रूद्र मंत्र

ॐ अघोरेभ्योsथ घोरेभ्यो घोर घोरतरेभ्य:। सर्वेभ्य: सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रूद्र रुपेभ्य:।। ॐ नमो भगवते रुद्राय ।।

त्वरित रूद्र मंत्र

।।ॐ यो रुद्रोsन्गौ योsप्सुय ओषधीषु यो रुद्रो विश्वाभुवना-विवेश तस्मै रुद्राय नमोsस्तु।।

लघु मृत्युंजय मंत्र

।।ॐ ह्रौं जूं सः ।।

दशाक्षरी मंत्र

।।ॐ जूं सः मां पालय-पालय ।।

द्वादशाक्षरी मंत्र

।। ॐ जूं सः मां पालय-पालय सः जूं ॐ ।।

महामृत्युंजय मंत्र

।।ॐ ह्रौं ॐ जूं सः भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम् । उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् भूर्भुवः स्वरों जूं सः ह्रौं ॐ ।।

आज का ज्योतिषीय विचार

“कुंडली आत्मा का दर्पण है।”

— महर्षि पराशर