लक्ष्मी मंत्र वैदिक मंत्र: समस्याओं का समाधान करने के लिए शक्तिशाली उपाय

लक्ष्मी मंत्र वैदिक मंत्र (Vedic Mantra) वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का एक प्रमुख साधन है। यह सिर्फ शब्दों का एक समूह नहीं है, बल्कि ध्वनि और कंपन का एक संयोजन है जो व्यक्ति की आंतरिक ऊर्जा को ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ जोड़ता है। आइए, इस लेख में हम मंत्रों की शक्ति, उनके लाभ और समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न प्रकार के मंत्रों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

लक्ष्मी मंत्र

लक्ष्मी मंत्र १

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।

लक्ष्मी मंत्र २

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।

लक्ष्मी मंत्र ३

ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।

महालक्ष्मी मंत्र

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।

लक्ष्मी गायत्री मंत्र

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।

लक्ष्मी बीज मंत्र

।।ॐ श्रीं श्रियें नमः ।।

ज्येष्ठ लक्ष्मी मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं ज्येष्ठ लक्ष्मी स्वयम्भुवे ह्रीं ज्येष्ठायै नमः ।।

महालक्ष्मी यक्षिणीविद्या मंत्र

ॐ ह्रीं क्लीन महालक्ष्म्यै नमः ।।

श्री लक्ष्मी नृसिंह मंत्र

।। ॐ ह्रीं क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी नृसिंहाय नमः ।। ।। ॐ क्लीन क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी देव्यै नमः ।।

एकादशाक्षर सिध्दा लक्ष्मी मंत्र

।। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिध्द लक्ष्म्यै नमः ।।

द्वादशाक्षर महालक्ष्मी मंत्र

।। ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौ: [ ___ ] जगात्प्रसुत्यै नमः ।।

आज का ज्योतिषीय विचार

“कुंडली आत्मा का दर्पण है।”

— महर्षि पराशर