कात्यायनी मंत्र वैदिक मंत्र: समस्याओं का समाधान करने के लिए शक्तिशाली उपाय

कात्यायनी मंत्र वैदिक मंत्र (Vedic Mantra) वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का एक प्रमुख साधन है। यह सिर्फ शब्दों का एक समूह नहीं है, बल्कि ध्वनि और कंपन का एक संयोजन है जो व्यक्ति की आंतरिक ऊर्जा को ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ जोड़ता है। आइए, इस लेख में हम मंत्रों की शक्ति, उनके लाभ और समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न प्रकार के मंत्रों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

कात्यायनी मंत्र

कात्यायनी मंत्र -१

कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि । नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ॥

पार्वती मंत्र विलम्बित विवाह के लिए

हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया । तथा मां कुरु कल्याणि कान्तकातां सुदुर्लभाम ॥

सूर्य मंत्र विलम्बित विवाह के लिए

ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि । विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ॥

कात्यायनी मंत्र

।।ॐ ह्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ।। ।। ह्रीं श्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ।।

विवाह हेतु मंत्र

ॐ कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीस्वरि ।नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः ।।

विवाह हेतु मंत्र

हे गौरी _____ । यथा त्वं शंकरप्रिया । तथा माँ कुरु कल्याणि।कान्त कांता सुदुर्लभाम्।।

विवाह हेतु मंत्र

ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि। विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रं च देहि मे ।।

विवाह हेतु मंत्र

ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।

आज का ज्योतिषीय विचार

“कुंडली आत्मा का दर्पण है।”

— महर्षि पराशर